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Gold Import Duty: सोने पर आयात शुल्क घटने से तस्करी कम होगी; पर ग्राहकों को अभी फायदा नहीं, जानिए क्यों

सोने और चांदी पर आयात शुल्क 15 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत करने की घोषणा की गई है। इससे ज्वेलरी उद्योग में तस्करी कम होगी और उद्योग पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल का कहना है कि इससे मुनाफा कम होगा तो सोने की तस्करी भी कम होगी। वहीं घरेलू निवेशक भी सोने में निवेश को बढ़ाएगे। हालांकि, वैश्विक बाजार में कीमतें बढ़ने के कारण ग्राहकों को अभी राहत के लिए इंतजार करना पड़ सकता है।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में सोने, चांदी और प्लैटिनम पर आयात शुल्क में कटौती की घोषणा की है। सोने पर कुल शुल्क जो पहले से 15 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया गया है। प्लैटिनम के लिए इसे मौजूदा 15.4 प्रतिशत से घटाकर 6.4 प्रतिशत कर दिया गया है। वहीं सोने और चांदी के लिए 6 प्रतिशत शुल्क में 5 प्रतिशत की मूल सीमा शुल्क (बीसीडी) और 1 प्रतिशत का कृषि और विकास उपकर (एआईडीसी) शामिल है, जो पहले क्रमश : 10 प्रतिशत और 5 प्रतिशत था। प्लैटिनम के लिए बीसीडी को 10 और 5.4 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत और एआईडीसी को 1.4 प्रतिशत कर दिया गया है। ज्वेलरी उद्योग का कहना है कि शुल्क घटने से उद्योग को लाभ होगा इसके साथ ही सरकार को भी फायदा होगा। इससे तस्करी पर लगाम लगेगी। वहीं दूसरी घरेलू निवेशक भी सोने में निवेश को बढ़ाएगे। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल का कहना है कि मुनाफा कम होगा तो सोने की तस्करी भी कम होगी। इससे कारोबार पर सकरात्मक प्रभाव पड़ेगा।

सोने की तस्करी होगी कम
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के भारत के क्षेत्रिय सीईओ सचिन जैन कहते हैं,  सोने पर आयात शुल्क घटाने से उद्योग को प्रोत्साहन मिलेगा। इससे सोने की तस्करी कम होगी जिससे उद्योग के लिए समान अवसर तैयार होंगे। स्थानीय स्तर पर भी सोने की कीमतों में सुधार होगा। जिससे रिटेल सोने की मांग को बढ़ावा मिलेगा। जानकारों का कहना है तस्करी से लाया गया सोना नियमपूर्वक लाया गया सोने में 11 लाख रुपये प्रतिकिलो का अंतर होता था। अब आयात शुल्क घटने के बाद यह अंतर दो से तीन प्रतिशत ही रह जाएगा। इसलिए इसमें मुनाफा कम होगा और तस्करी पर रोक लगेगी। अभी तक सोने और चांदी पर 2.5 प्रतिशत सेस मिलाकर 15 प्रतिशत आयात शुल्क लगता था, जिसमें 3 प्रतिशत जीएसटी देना होता है।

आम लोगों को फिलहाल नहीं मिलेगा फायदा
मुंबई ज्वैलरी एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता कुमार जैन बताते हैं कि आयात शुल्क घटने का फायदा उद्योग को मिलेगा, लेकिन सोने की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने के भाव में तेजी आने की वजह से इसका लाभ आम खरीदारों को नहीं मिल पा रहा है। आज अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने के भाव 2416 डॉलर पर है, जो आनेवाले दिनो में 2500 डॉलर होने का अनुमान बाजार लगा रहा है। भू राजनीतिक संकट की वजह से सोने की कीमते बढ़ रही हैं। बावजूद इसके सोने की खरीदारी लोग कर रहे हैं। अगस्त से त्योहारी मौसम शुरू हो रहा है और अक्टूबर के बाद से शादियों का मौसम शुरू हो रहा है। इसलिए बाजार में खरीदारी दिखाई दे रही है। मुंबई में मंगलवार को 24 कैरेट सोने की कीमत 7,180 रुपये प्रति दस ग्राम थी।

आम लोगों को फिलहाल नहीं मिलेगा फायदा
मुंबई ज्वैलरी एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता कुमार जैन बताते हैं कि आयात शुल्क घटने का फायदा उद्योग को मिलेगा, लेकिन सोने की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने के भाव में तेजी आने की वजह से इसका लाभ आम खरीदारों को नहीं मिल पा रहा है। आज अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने के भाव 2416 डॉलर पर है, जो आनेवाले दिनो में 2500 डॉलर होने का अनुमान बाजार लगा रहा है। भू राजनीतिक संकट की वजह से सोने की कीमते बढ़ रही हैं। बावजूद इसके सोने की खरीदारी लोग कर रहे हैं। अगस्त से त्योहारी मौसम शुरू हो रहा है और अक्टूबर के बाद से शादियों का मौसम शुरू हो रहा है। इसलिए बाजार में खरीदारी दिखाई दे रही है। मुंबई में मंगलवार को 24 कैरेट सोने की कीमत 7,180 रुपये प्रति दस ग्राम थी।
पुराने स्टॉक की वैल्यू होगी कम
इंडियन बुलियन एंड एसोसिएशन के राष्ट्रीय सचिव सुरेंद्र मेहता बताते है कि शुल्क घटने से सोने में प्रति दस ग्राम लगभग 5900 रुपये और चांदी में प्रित किलोग्राम 7600 रुपये तक की कमी आएगी। लेकिन जिनके पास पुराना सोने का स्टॉक है जिसे 15 प्रतिशत का शुल्क देकर खरीदा गया है उसकी वैल्यू कम हो जाएगी। उदाहरण के लिए एक किलो पुराना सोना है तो उस पर छह लाख रुपये कम हो जाएगा।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार भारतीय कैलेंडर वर्ष 2023 में 576 टन आभूषण और 185 टन बार और सिक्कों की खरीदी की गई थी। जबकि बढ़ती मांग की वजह से सोने का आयात बढ़ सकता है। भारत के आयात बास्केट में सोना तीसरा सबसे बड़ा घटक है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के आंकड़ों के अनुसार भारत प्रति वर्ष औसतन 36 बिलियन डॉलर का सोना आयात करता है, जो कुल आयात का लगभग 8 प्रतिशत है।
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